बिहार, ओडिशा, बंगाल और असम के महत्वपूर्ण शासक
परिचय
भारत के पूर्वी भाग में स्थित बिहार, ओडिशा, बंगाल और असम राज्य अपनी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत के लिए प्रसिद्ध हैं। इन राज्यों ने प्राचीन काल से ही विभिन्न राजवंशों और शासकों को देखा है, जिन्होंने राजनीतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन शासकों ने साम्राज्यों का विस्तार किया, मंदिरों का निर्माण कराया और शिक्षा एवं कला को बढ़ावा दिया। इस लेख में हम इन राज्यों के प्रमुख शासकों और उनके उल्लेखनीय कार्यों पर चर्चा करेंगे। जानकारी को सुगम बनाने के लिए तालिकाओं का उपयोग किया गया है।
बिहार के महत्वपूर्ण शासक
बिहार प्राचीन मगध साम्राज्य का केंद्र रहा है, जहां मौर्य और गुप्त वंश जैसे महान राजवंश फले-फूले। यहां के शासकों ने भारतीय इतिहास को आकार दिया।
| शासक का नाम | काल | उल्लेखनीय कार्य |
|---|---|---|
| बिम्बिसार | 544-493 ई.पू. | राज्य को एकीकृत किया, बौद्ध धर्म का समर्थन किया और अच्छे संबंध बनाए।13 |
| चंद्रगुप्त मौर्य | 322-297 ई.पू. | मौर्य साम्राज्य की स्थापना की, चाणक्य की सहायता से नंद वंश को उखाड़ फेंका।1 |
| अशोक | 268-232 ई.पू. | कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपनाया, साम्राज्य का विस्तार किया और अहिंसा का प्रचार किया।3 |
| समुद्रगुप्त | 335-375 ई. | गुप्त साम्राज्य का विस्तार किया, संगीत और कला के संरक्षक थे।10 |
| धर्मपाल (पाला वंश) | 770-810 ई. | विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की, बौद्ध शिक्षा को बढ़ावा दिया।11 |
ओडिशा के महत्वपूर्ण शासक
ओडिशा (प्राचीन कलिंग) ने खरावेल जैसे योद्धा शासकों को देखा, जिन्होंने विस्तार और सांस्कृतिक विकास किया। पूर्वी गंगा और गजपति वंश यहां प्रमुख रहे।
| शासक का नाम | काल | उल्लेखनीय कार्य |
|---|---|---|
| खरावेल | दूसरी शताब्दी ई.पू. | हाथीगुम्फा शिलालेख में अपनी विजयों का वर्णन, राज्य को मजबूत बनाया।17 |
| अनंतवर्मन चोडगंगा | 1078-1150 ई. | जगन्नाथ मंदिर का निर्माण कराया, धार्मिक सहिष्णुता दिखाई।29 |
| नरसिंहदेव प्रथम | 1238-1264 ई. | कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण, वास्तुकला में योगदान।18 |
| कपिलेंद्र देव | 1435-1466 ई. | कलिंग साम्राज्य का विस्तार किया, मुस्लिम पड़ोसियों से क्षेत्र जीते।19 |
बंगाल के महत्वपूर्ण शासक
बंगाल ने पाला, सेना और सुल्तान वंशों के शासकों को देखा, जो धार्मिक सहिष्णुता और वाणिज्य के लिए जाने जाते हैं। इलियास शाही और हुसैन शाही वंश प्रमुख हैं।
| शासक का नाम | काल | उल्लेखनीय कार्य |
|---|---|---|
| शशांक | 600-625 ई. | बंगाल का पहला स्वतंत्र राजा, गौड़ साम्राज्य स्थापित किया।43 |
| गोपाल (पाला वंश) | 750-770 ई. | पाला वंश की स्थापना की, बंगाल क्षेत्र का एकीकरण।35 |
| शम्सुद्दीन इलियास शाह | 1342-1358 ई. | इलियास शाही वंश की स्थापना, बंगाल सल्तनत का विस्तार।30 |
| अलाउद्दीन हुसैन शाह | 1494-1519 ई. | धार्मिक सहिष्णुता दिखाई, साहित्य और कला को बढ़ावा दिया।31 |
| गयासुद्दीन महमूद शाह | 1533-1538 ई. | हुसैन शाही वंश का अंतिम सुल्तान, पुर्तगालियों को अनुमति दी।33 |
असम के महत्वपूर्ण शासक
असम (प्राचीन कामरूप) में वर्मन और अहोम वंश प्रमुख रहे। अहोम राज्य ने 600 वर्षों तक शासन किया और मुगलों को रोका।
| शासक का नाम | काल | उल्लेखनीय कार्य |
|---|---|---|
| भास्कर वर्मन | 600-650 ई. | हर्षवर्धन से गठबंधन, चीनी यात्री युवान च्वांग का स्वागत, संस्कृति संवर्धन।56 |
| सुकाफा | 1228-1268 ई. | अहोम राज्य की स्थापना की, टाई-अहोम लोगों को एकजुट किया।47 |
| सुहुंगमुंग | 1497-1539 ई. | राज्य का विस्तार किया, प्रशासनिक सुधार।47 |
| प्रताप सिंह | 1603-1641 ई. | सैन्य और प्रशासनिक सुधार, अहोम राज्य को मजबूत बनाया।47 |
| चक्रध्वज सिंह | 1663-1670 ई. | सरायघाट युद्ध में मुगलों को हराया (लचित बरफुकन के नेतृत्व में)।45 |


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